
दिल्ली में प्रॉपर्टी खरीदना एक महत्वपूर्ण और जटिल प्रक्रिया हो सकती है। इस प्रक्रिया में अक्सर कई तरह के धोखाधड़ी के मामले सामने आते हैं, जैसे कि असली मालिक के बिना जानकारी के जमीन का सौदा होना। इससे न केवल आपका पैसा और समय बर्बाद हो सकता है, बल्कि कानूनी पचड़ों में भी फंसने की संभावना रहती है। इसीलिए, यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि जिस प्रॉपर्टी को आप खरीद रहे हैं, उसकी रजिस्ट्री और मालिकाना हक पूरी तरह से सही है।
इस लेख में हम आपको बताएंगे कि दिल्ली में किसी भी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्रेशन और मालिकाना हक की जानकारी कैसे चेक करें, वह भी घर बैठे। दिल्ली सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए ऑनलाइन टूल्स का इस्तेमाल करके यह प्रक्रिया बेहद आसान और तेज हो गई है। चलिए, इस पूरी प्रक्रिया को विस्तार से समझते हैं।
क्यों जरूरी है प्रॉपर्टी की जानकारी चेक करना?
प्रॉपर्टी खरीदने से पहले उसकी जानकारी चेक करना इसलिए आवश्यक है क्योंकि:
- धोखाधड़ी से बचाव: कई बार ऐसा होता है कि प्रॉपर्टी का असली मालिक कोई और होता है, लेकिन कोई दूसरा व्यक्ति आपको जमीन बेच देता है। बाद में, जब असली मालिक सामने आता है, तो वह कानूनी कार्रवाई कर सकता है। इस स्थिति में आपका समय और धन दोनों का नुकसान हो सकता है।
- कानूनी विवाद से बचाव: प्रॉपर्टी से जुड़े कानूनी विवादों का सामना करने से बचने के लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि वह प्रॉपर्टी किसी भी तरह के विवाद में न फंसी हो।
- मालिकाना हक की पुष्टि: प्रॉपर्टी के मालिकाना हक की पुष्टि करना बेहद जरूरी है ताकि भविष्य में कोई समस्या न आए।
दिल्ली में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन कैसे चेक करें?
दिल्ली सरकार ने एक खास वेबसाइट DORIS (Delhi Online Registration Information System) लॉन्च की है, जहां आप अपनी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्रेशन डिटेल्स आसानी से चेक कर सकते हैं। नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करके आप यह जानकारी प्राप्त कर सकते हैं:
स्टेप 1: DORIS वेबसाइट खोलें
- सबसे पहले, अपने स्मार्टफोन, लैपटॉप या कंप्यूटर पर किसी भी वेब ब्राउज़र को ओपन करें।
- ब्राउज़र में esearch.delhigovt.nic.in टाइप करें और एंटर दबाएं। इससे DORIS की आधिकारिक वेबसाइट खुल जाएगी।
स्टेप 2: “Search by Name” विकल्प का चयन करें
- वेबसाइट के होम पेज पर आपको “Search by Name” का विकल्प मिलेगा। इस पर क्लिक करें।
- यदि आप यह प्रक्रिया मोबाइल पर कर रहे हैं, तो यह ऑप्शन Menu सेक्शन में मिलेगा।

स्टेप 3: प्रॉपर्टी की जानकारी भरें
- आपके सामने एक नया पेज खुलेगा। यहां:
- Locality सेक्शन में उस गांव या शहर का नाम डालें, जहां आपने प्रॉपर्टी खरीदी है।
- Select Party में Second Party (जिसने प्रॉपर्टी खरीदी है) का चयन करें।
- Second Party का नाम भरें।
- नीचे दिए गए Captcha Code को सही से भरें।
- अंत में, Search बटन पर क्लिक करें।

स्टेप 4: प्रॉपर्टी की डिटेल्स देखें
- सर्च बटन पर क्लिक करने के बाद, आपके सामने आपकी खरीदी हुई प्रॉपर्टी की पूरी जानकारी स्क्रीन पर दिखाई देगी। इसमें शामिल होगा:
- रजिस्ट्रेशन नंबर
- रजिस्ट्रेशन की तारीख
- फर्स्ट पार्टी (जिसने प्रॉपर्टी बेची)
- सेकंड पार्टी (जिसने प्रॉपर्टी खरीदी)
- प्रॉपर्टी का पता और पूरी डिटेल्स

प्रॉपर्टी एड्रेस से जानकारी कैसे चेक करें?
यदि आपके पास प्रॉपर्टी का एड्रेस है, तो आप इसे भी इस्तेमाल करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए:
- वेबसाइट के होम पेज पर जाएं।
- Search by Property Address ऑप्शन पर क्लिक करें।
- प्रॉपर्टी का पूरा एड्रेस और कैप्चा कोड भरें।
- Search बटन पर क्लिक करें।
- आपके सामने प्रॉपर्टी की रजिस्ट्रेशन डिटेल्स आ जाएंगी।
Complete Search का उपयोग कैसे करें?
यदि आपके पास रजिस्ट्रेशन ईयर की जानकारी नहीं है, तो आप Complete Search विकल्प का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए:
- Complete Search पर क्लिक करें।
- केवल SRO (Sub Registrar Office) और Locality की जानकारी भरें।
- बाकी जानकारी जैसे रजिस्ट्रेशन ईयर, पार्टी का नाम आदि डालने की आवश्यकता नहीं होगी।
- इसके बाद, Search बटन पर क्लिक करें।
Specific Search का उपयोग कैसे करें?
यदि आपको फर्स्ट पार्टी या सेकंड पार्टी का नाम नहीं पता, लेकिन आपके पास रजिस्ट्रेशन डिटेल्स जैसे कि SRO, Locality, Registration Number, Registration Year, और Book Number है, तो आप Specific Search विकल्प का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए:
- Specific Search ऑप्शन पर क्लिक करें।
- उपलब्ध जानकारी भरें, जैसे:
- SRO
- Locality
- Registration Number
- Registration Year
- Book Number
- सर्च करने के बाद प्रॉपर्टी की पूरी डिटेल्स स्क्रीन पर आ जाएगी।
महत्वपूर्ण बातें जो ध्यान में रखें
- First Party और Second Party का मतलब समझें:
- First Party वह होती है जिसने प्रॉपर्टी बेची।
- Second Party वह होती है जिसने प्रॉपर्टी खरीदी।
- सटीक जानकारी भरें:
- नाम, एड्रेस और अन्य जानकारी सही-सही भरें ताकि सर्च प्रक्रिया में कोई दिक्कत न हो।
- कैप्चा कोड सही भरें:
- कैप्चा कोड सही से भरें, क्योंकि गलत कैप्चा कोड के कारण सर्च प्रक्रिया बाधित हो सकती है।
- इंटरनेट कनेक्शन:
- प्रक्रिया को पूरा करने के लिए आपका इंटरनेट कनेक्शन अच्छा होना चाहिए।
दिल्ली प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन चेक करने के फायदे
- धोखाधड़ी से बचाव:
- किसी भी प्रॉपर्टी की पूरी जानकारी ऑनलाइन चेक करने से आप किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
- समय की बचत:
- प्रॉपर्टी की जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते।
- कानूनी सुरक्षा:
- रजिस्ट्रेशन डिटेल्स और मालिकाना हक की पुष्टि करके आप कानूनी विवादों से बच सकते हैं।
- आसान और तेज प्रक्रिया:
- ऑनलाइन प्रक्रिया सरल और तेज है, जिसे आप कहीं से भी कर सकते हैं।
सम्पत्ति खरीदने से पहले ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण बातें: विस्तृत गाइड
संपत्ति खरीदना जीवन के बड़े निर्णयों में से एक है। यह न केवल आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके कानूनी पहलुओं को समझना और ध्यान रखना भी अत्यंत आवश्यक है। चाहे आप दिल्ली में संपत्ति खरीद रहे हों या किसी अन्य राज्य में, कुछ खास दस्तावेज़ों और प्रक्रियाओं की सही तरीके से जांच करना बेहद जरूरी है। इससे न केवल आप धोखाधड़ी से बच सकते हैं, बल्कि अपनी संपत्ति का मालिकाना हक भी सुरक्षित रख सकते हैं। इस विस्तृत लेख में, हम आपको 2000 से अधिक शब्दों में संपत्ति खरीदने से पहले ध्यान देने योग्य हर महत्वपूर्ण पहलू पर जानकारी देंगे।
1. मदर डीड (Mother Deed): संपत्ति की जड़ तक जाने का रास्ता
मदर डीड को संपत्ति के इतिहास का प्रमाण माना जाता है। इसे संपत्ति से जुड़ी सभी कानूनी और स्वामित्व संबंधी जानकारी का आधार कहा जा सकता है। जब भी आप कोई प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बनाते हैं, तो सबसे पहले मदर डीड की जांच करें।
- स्वामित्व का इतिहास:
मदर डीड यह बताती है कि संपत्ति के स्वामित्व का इतिहास कैसा रहा है। यह दिखाती है कि संपत्ति कितने बार खरीदी-बेची गई है और उसके वर्तमान मालिक कौन हैं। - लेन-देन की जानकारी:
इसमें संपत्ति से जुड़े सभी पिछले लेन-देन का विवरण दिया जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि संपत्ति पर किसी अन्य व्यक्ति का दावा तो नहीं है। - जटिलता से बचाव:
मदर डीड की जांच करके आप उन जटिलताओं से बच सकते हैं जो बाद में कानूनी परेशानियों का कारण बन सकती हैं।
2. बिल्डिंग प्लान अप्रूवल: वैधता सुनिश्चित करें
संपत्ति का निर्माण वैध तरीके से हुआ है या नहीं, इसे सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है।
- अप्रूवल की आवश्यकता:
प्रत्येक निर्माण के लिए संबंधित नगर निगम या प्राधिकरण से अनुमति लेना आवश्यक होता है। - कैसे जांचें:
आप संपत्ति के बिल्डिंग प्लान को प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत किया गया है या नहीं, इसका सत्यापन करें। यदि प्लान अप्रूव्ड नहीं है, तो भविष्य में यह अवैध निर्माण के दायरे में आ सकता है। - गैर-कानूनी मामलों से बचाव:
अप्रूव्ड बिल्डिंग प्लान यह सुनिश्चित करता है कि संपत्ति भविष्य में किसी भी कानूनी विवाद में न फंसे।
3. एनकम्ब्रन्स सर्टिफिकेट (Encumbrance Certificate): स्वच्छता की पुष्टि
यह दस्तावेज़ संपत्ति की कानूनी स्थिति का प्रमाण है।
- मुख्य उद्देश्य:
यह सुनिश्चित करता है कि संपत्ति पर किसी प्रकार का बकाया लोन, बंधक, या मुकदमा नहीं है। - जानकारी:
एनकम्ब्रन्स सर्टिफिकेट में यह जानकारी दी जाती है:- संपत्ति के स्वामित्व की स्थिति।
- संपत्ति पर कोई बकाया ऋण है या नहीं।
- संपत्ति का मालिकाना हक विवादित तो नहीं है।
- यह संपत्ति पहले किन-किन लोगों के नाम पर थी।
- क्यों जरूरी है:
यह प्रमाण पत्र संपत्ति की स्वच्छता का प्रमाण है। इसके बिना संपत्ति खरीदने से आपको कानूनी झंझटों का सामना करना पड़ सकता है।
4. अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज़: पूरी जांच आवश्यक
संपत्ति खरीदने से पहले सिर्फ मदर डीड, बिल्डिंग प्लान और एनकम्ब्रन्स सर्टिफिकेट ही पर्याप्त नहीं हैं। इसके अलावा भी कुछ जरूरी दस्तावेज़ हैं जिनकी जांच करनी चाहिए:
a. सेल डीड (Sale Deed):
यह दस्तावेज़ संपत्ति के हस्तांतरण का प्रमाण है। इसे पंजीकृत कराने के बाद ही संपत्ति का स्वामित्व खरीदार को सौंपा जाता है।
**b. प्रॉपर्टी टै
क्स रसीद (Property Tax Receipt):
यह सुनिश्चित करने के लिए कि संपत्ति पर किसी भी प्रकार का बकाया टैक्स नहीं है, प्रॉपर्टी टैक्स रसीद की जांच करें।
c. कब्जा प्रमाण पत्र (Possession Certificate):
यह दस्तावेज़ बताता है कि संपत्ति का कब्जा कब और कैसे स्थानांतरित हुआ। यह विशेष रूप से उपयोगी है जब आप फ्लैट या प्लॉट खरीद रहे हों।
d. ऋण स्वीकृति प्रमाणपत्र (Loan Clearance Certificate):
अगर संपत्ति के मालिक ने उस पर लोन लिया है, तो यह प्रमाणपत्र दिखाएगा कि लोन का पूरा भुगतान हो चुका है।
e. वेरिफिकेशन ऑफ रिकॉर्ड्स (Verification of Records):
राजस्व और नगर निगम कार्यालयों में जाकर संपत्ति के सभी रिकॉर्ड की जांच करें।
5. दिल्ली में संपत्ति रजिस्ट्रेशन: ऑनलाइन प्रक्रिया का लाभ उठाएं
दिल्ली में संपत्ति खरीदने वालों के लिए अच्छी खबर यह है कि अब आप घर बैठे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को देख सकते हैं। दिल्ली सरकार की DORIS (Delhi Online Registration Information System) वेबसाइट के माध्यम से आप निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं:
- संपत्ति रजिस्ट्री देखना:
यह सेवा दिल्ली के 11 जिलों में उपलब्ध है। चाहे आप किसी भी जिले से हों, आप अपनी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री ऑनलाइन देख सकते हैं। - स्टेप बाय स्टेप प्रक्रिया:
- DORIS वेबसाइट पर जाएं।
- रजिस्ट्री नंबर और संपत्ति से संबंधित अन्य जानकारी दर्ज करें।
- विवरण की पुष्टि करें।
- सभी रिकॉर्ड डाउनलोड करें।
- ऑनलाइन सत्यापन:
आप यह भी जांच सकते हैं कि संपत्ति से संबंधित सभी दस्तावेज़ प्रामाणिक हैं या नहीं।
6. धोखाधड़ी से बचने के लिए जरूरी टिप्स
संपत्ति खरीदते समय सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। यहां कुछ खास टिप्स दिए गए हैं, जो आपको धोखाधड़ी से बचा सकते हैं:
a. विशेषज्ञों की मदद लें:
किसी कानूनी विशेषज्ञ या वकील से परामर्श लेना हमेशा फायदेमंद होता है। वे सभी दस्तावेज़ों की गहराई से जांच कर सकते हैं।
b. साइट विजिट करें:
संपत्ति को खरीदने से पहले व्यक्तिगत रूप से उसकी जांच करें। जमीन या भवन की स्थिति का मूल्यांकन करें।
c. बाजार दर की जांच करें:
संपत्ति की कीमत बाजार दर के अनुसार होनी चाहिए। बहुत कम कीमत में मिल रही संपत्ति के पीछे छिपे कारणों को जानने की कोशिश करें।
d. डीलिंग लिखित रूप में करें:
संपत्ति लेन-देन से जुड़ी हर बात को लिखित रूप में दर्ज करें। मौखिक समझौतों पर भरोसा न करें।
e. सभी कानूनी दस्तावेज़ों की फोटोकॉपी सुरक्षित रखें:
भविष्य में किसी भी विवाद से बचने के लिए सभी दस्तावेज़ों की कॉपी अपने पास सुरक्षित रखें।
7. क्या करें जब संपत्ति पर विवाद हो?
यदि आपने कोई संपत्ति खरीदी है और बाद में उस पर कानूनी विवाद सामने आता है, तो निम्नलिखित कदम उठाएं:
- तुरंत कानूनी मदद लें:
एक अनुभवी वकील की सहायता से अदालत में अपनी स्थिति स्पष्ट करें। - संबंधित प्राधिकरण को सूचित करें:
जिला प्रशासन या नगर निगम को तुरंत विवाद के बारे में सूचित करें। - संपत्ति रजिस्ट्रेशन रिकॉर्ड जांचें:
सुनिश्चित करें कि आपकी संपत्ति का नाम सही तरीके से रजिस्टर हुआ है। - फोरेंसिक दस्तावेज़ जांच:
यदि आपको किसी दस्तावेज़ की सत्यता पर संदेह है, तो उसकी फोरेंसिक जांच करवाएं।
8. क्यों महत्वपूर्ण है सही जानकारी का होना?
संपत्ति खरीदने से पहले हर छोटी से छोटी जानकारी का सत्यापन करना जरूरी है। सही जानकारी से आप न केवल धोखाधड़ी से बचते हैं, बल्कि भविष्य में कानूनी समस्याओं से भी सुरक्षित रहते हैं।
लाभ:
- आपका निवेश सुरक्षित रहता है।
- संपत्ति का स्वामित्व विवादित नहीं होता।
- संपत्ति का पुनर्विक्रय करना आसान हो जाता है।
- मानसिक शांति मिलती है।
निष्कर्ष: सुरक्षित और समझदारी भरा निर्णय लें
संपत्ति खरीदना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आपके आर्थिक और व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित कर सकता है। इस लेख में बताए गए बिंदुओं पर ध्यान देकर आप एक सुरक्षित और समझदारी भरा निर्णय ले सकते हैं।
चाहे आप दिल्ली में प्रॉपर्टी खरीदने की सोच रहे हों या किसी अन्य राज्य में, हर कदम पर सतर्कता बरतें। दस्तावेज़ों की सही जांच, कानूनी सलाह, और ऑनलाइन टूल्स का उपयोग करके आप अपने सपनों की संपत्ति को बिना किसी परेशानी के अपना बना सकते हैं।
ध्यान रखें:
संपत्ति खरीदना केवल पैसे का लेन-देन नहीं है; यह आपके भविष्य की सुरक्षा और स्थिरता से भी जुड़ा हुआ है। इसलिए, हमेशा सतर्क रहें, पूरी जानकारी जुटाएं, और अपने निर्णय को सोच-समझकर लें।